Breakup shayari hindi
यकींन मानो लाख कोशिश कर चुका हूँ मैं,
न ही धड़कने रुकती हैं और न तेरी यादें
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बेशक जो जितना खामोश रहता है
वो अपनी इज़्ज़त उतनी ही महफूज़ रखता है
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दिन ब दिन मेरी हालत बिगड़ती जा रही है लग रहा है जैसे कोई मेरे मरने की दुआ करता है
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कुछ लोग मुझे
अपना कहा करते थे साहब !
सच में वो लोग सिर्फ कहा ही करते थे
अपना कहा करते थे साहब !
सच में वो लोग सिर्फ कहा ही करते थे
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एक ही इंसान पर लूटा दे,
जो जिंदगी अपनी,
ऐसे लोग अब किताबों में ही मिला करते हैं
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बात वफ़ा की होती तो कभी ना हारते,
बात नसीब की थी कुछ कर ना सके
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एक ही इंसान पर लूटा दे,
जो जिंदगी अपनी,
ऐसे लोग अब किताबों में ही मिला करते हैं
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बात वफ़ा की होती तो कभी ना हारते,
बात नसीब की थी कुछ कर ना सके
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जिंदगी में हमें वहीं लोग रुलाते हैं..! जिनकी ख़ुशी के लिए हम ? अपनी हँसी तक को भूला देते हैं
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टूटे हुए काँच की तरह
चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये
इसलिए सबसे दूर हो गए
चकनाचूर हो गए,
किसी को लग ना जाये
इसलिए सबसे दूर हो गए
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आप साल बदलते जरूरी देखें हैं,
मैंने सालों भर लोगों को बदलते देखा हैं
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आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
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आप साल बदलते जरूरी देखें हैं,
मैंने सालों भर लोगों को बदलते देखा हैं
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आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
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लौटा दो मुझे ए खुदा उन रातों को जब में बिना कुछ सोचें सो जाया कर दिया था
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अच्छे होते हैं वो लोग जो आकर चले जाते हैं,
थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं
थोड़ा ठहर कर जाने वाले बहुत रुलाते हैं
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अब थोड़ा भी फ़र्क़ नहीं पड़ता आपकी बेरुखी से,
अब तो दिल को आदत सी हो गई हैं,
खामोश रहने की
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सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें
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अब थोड़ा भी फ़र्क़ नहीं पड़ता आपकी बेरुखी से,
अब तो दिल को आदत सी हो गई हैं,
खामोश रहने की
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सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें
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बस अपनी इतनी ही बदकिस्मती है साहब जो चाहा वो मिला नहीं और जो मिला वो मेरा कभी हुआ नहीं
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कोई बीमार हम सा नहीं,
कोई इलाज तुम सा नहीं
कोई इलाज तुम सा नहीं
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सारे जमाने में बट गया वक़्त उसका,
मेरे हिस्से में तो केवल उसके बहाने ही आए
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तू याद कर या भूल जा,
तू याद है बस ये याद रख
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सारे जमाने में बट गया वक़्त उसका,
मेरे हिस्से में तो केवल उसके बहाने ही आए
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तू याद कर या भूल जा,
तू याद है बस ये याद रख
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डूब जाते हैं उम्मीदों के सभी जहाज, कौन कहता है आँसू जरा सा पानी है
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सिर्फ सहने वाला ही जानता है,
की दर्द कितना गहरा है
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सिर्फ सहने वाला ही जानता है,
की दर्द कितना गहरा है
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जिसे मैंने सबसे ज्यादा वक्त दिया उसे ने मुझे सबसे ज्यादा दर्द दिया
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क्यूँ नहीं महसूस होती
उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे,
बहुत अच्छे से जानते है तुझे
उसे मेरी तकलीफ,
जो कहते थे,
बहुत अच्छे से जानते है तुझे
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दर्द कम नहीं हुआ है मेरा, बस सहने की आदत हो गयी है
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अपनों से ही टूटा हूँ,
तो अब सवाल क्या करू
तो अब सवाल क्या करू