Emotional shayari in hindi
मजबूरिया हर इंसान को जीना सीखा देती हैं,
किसी को दर्द देती हैं तो किसी को नशा देती हैं
---
मज़े से जीयो यार ,
जो होना है होकर ही रहेगा
मजबूरिया हर इंसान को जीना सीखा देती हैं,
किसी को दर्द देती हैं तो किसी को नशा देती हैं
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मज़े से जीयो यार ,
जो होना है होकर ही रहेगा
मत उड़ा परिंदो को हवा में ऐ दोस्त,
कभी कभी लौट कर आना बोहोत मुश्किल होता है
---
जब इंशान अंदर से टूट हटा है तो ,
अक्सर बाहर से ख़ामोश नज़र आता हैं
---
बोहोत बेगाना कर दिया है तेरी याद ने मुझे,
कहीं ऐसा न कि मैं पागल हो जाऊ
---
मैं मतलबी नहीं जो साथ रहने वालों को धोका देदूँ ,
बस मुझे समझना हर किसी के बस की बात नहीं हैं
---
अब मेरे आँगन में फूल नहीं खिलते,
तेरे जाने के बाद पौधों का ख्याल कौन रखता
---
देख कर भी अनदेखा कर गए
वो मेरी मोहब्बत को
सरे आम रुसवा कर गए
---
ज़िन्दगी बस इतना सा वादा कर मुझसे,
उसके बाद तुझे मेरा साथ देना होगा
---
दिल भी परेशान रहता है उनके लिए
हम कुछ भी नहीं है जिनके लिए
---
अक्सर मै अकेला सोचता रहता हूँ,
तुम किस हाल में होंगे
---
इश्क चाहे हजार कर लो तुम, पर
बद्दुआ पहली मोहब्बत से ही मिलेगी
---
चली जाती है हवा मेरी बस्ती से चुप चाप,
उसे मालूम है चिराग जलने वाले नहीं रहे
---
हुनर मोहब्बत का हर किसी को कहां आता है
लोग हुस्न पर फिदा होकर उसे इश्क कह देते हैं
---
धीरे धीरे ही सही हम जानेमन मर तो रहे हैं,
तुम्हारी याद के सहारे दिन गुज़र तो रहे हैं
---
टुकड़ों की तरह बिखरे थे किसी अपने की प्यार में
साथ कब का छूट चुका हैं हम दोनो का मगर
आज भी लोग उसका नाम लेकर बदनाम करते है भरे बाजार में
---
तुझे तकलीफ अगर है मेरी सूरत से जाना,
ये शहर छोड़ देता हु तेरी ख़ुशी के किये
---
हम दर्द भुलाकर बैठे, मोहब्ब्त के टूटने के बाद से
प्यार कहती है जिसे दुनिया, वो तो हैं सिर्फ हसीन हादसे
---
मेरा होना तो उसके वास्ते फ़साना है,
हमारा इश्क़ किसी और का दीवाना है
---
प्यार का मौका सब को मिलता है
एक और सच यह भी है कि
प्यार मे धोका भी सब को मिलता है
---
तुम अमीर हो, तुम क्या जानो,
गरीबी मुस्कान छीन लेती है चेहरे की
---
दर्द होता हैं जब उसका चेहरा सामने आता हैं
किसी गैर का होकर पूछती हैं ठीक तो हो
ये प्यार भी कैसा कैसा वक्त दिखाता हैं
---
मेरे दुःख का अंदाज़ा बस इसी से लगा लो,
मेरे सामने गम का एक सागर है दोस्त
---
यादें ही तो मिली हैं रांझे के हीर से बिछड़ने के बाद
कुछ नही रखा ऐ दोस्त इनके चक्कर में ये कर देती हैं बर्बाद
---
अपनी बातों को मनवाने के लिए लड़ता हूँ,
मै आज भी छोटा बच्चा हुँ रो पड़ता हूँ
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प्यार कि राह मे हम चले साथ थे
फिर एक मोड़ ऐसा आया
दूर-दूर तक खुद को अकेला पाया
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काश ये बात तुम्हे भी यद् होती,
तुम मेरे सिवा किसी और के मत हो जाना
---
किसी तीसरे का हुआ मेल और हम छूटते गए
रिश्ते बना लिए उनने गैरो से हमारे रिश्ते तो टूटते गए
---
मैं मर भी जाऊ तो कफ़न से आती रहेगी,
उसकी खुशबु मेरे बदन से आती रहेगी
---
मोहब्ब्त में हुए बर्बाद हम पसंद तो हमारी हैं
रातों कि नींद उड़ जाती हैं मन नही लगता
ये मोहब्ब्त भी गज़ब बीमारी हैं
---
भूलकर भी इश्क़ करने की कोसिस न करते,
अगर पता होता मोहब्बत इतना दर्द देती है
---
मोहब्बत मे बर्बादी का मंज़र उनको भी मिला है
जो अपनी मोहब्बत को खुदा मान बैठे थे
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अब कोई कन्धा नहीं है सर रखने के लिए,
मेरे आँसू मेरे दामन ही गिर जाते हैं
---
हमने वक़्त से बहुत वफ़ा की, लेकिन
वक़्त हमसे बेवफाई कर गया,
नसीब अच्छा नहीं था हमारा, इसीलिए
लोगो का हुमसे जी भर गया
---
कैसे जीतते हम उनसे इश्क़ की बाज़ी ऐ दोस्त,
वो प्यार का खेल खेलने में बोहोत माहिर थे
---
मुझको मेरे अकेलेपन से
अब शिकायत नहीं है
मैं पत्थर हूँ, मुझे
खुद से भी मुहब्बत नहीं है
---
मैं भी दूँगा तेरा साथ ऐ दिल,
तू किसी और का होने की हिम्मत तो कर
---
अकेले रहने का भी
अपना ही सुकून होता है
ना किसी के आने की खुशी
ना किसी के जाने का गम
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मेरा इश्क़ बस इसलिए नाकाम हो गया,
एक छोटा सा घर था जिसमें मैं रहता था
---
सिर्फ मोहब्बत को ही
बदनाम कर रखा है लोगों ने
वरना धोखे तो सात फेरों के
बाद भी बहुत मिलते हैं
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सब अच्छा लगता था जबतक वो मेरे साथ था,
बिछड़ गया है तो हर चीज बुरी लगती है
---
अपने किरदार पर
डाल कर पर्दा
हर कोई कह रहा है
जमाना खराब है
---
मत करो मुझसे इतनी मोहब्बत ऐ दोस्त,
बोहोत दर्द देती हैं ये यादें किसी के जाने के बाद
---
चलते रहेंगे काफिले
मेरे बगैर भी यहाँ
एक तारा टूट जाने से
आसमान सुना नहीं होता
---
मैंने खत में लिख दी हैं अपने दिल की बातें,
उसमे ये भी लिखा है इश्क का अंजाम क्या है
---
जी रहे है तेरी शर्तो के मुताबिक़ ए जिंदगी,
दौर आएगा कभी हमारी फरमाइशो का भी
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मैं चाँद पकड़ने की कोसिस में था,
मुट्ठी खोली तो चंद जुगनू हाथ लगे
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इंसान की सबसे बड़ी ख़ता यह हैं
की वह भगवान से पहले इंसान के सामने रोता हैं
---
अक्सर इश्क में धोखा खाए लोग,
जल्दी से किसी पर भरोसा नहीं करते
---
ऐ ज़िन्दगी काश तू ही रूठ जाती मुझसे,
ये रूठे हुए मुझसे मनाये नहीं जाते
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उसे देखा और बस देखते रह गए हम,
फिर पुरानी मोहब्बत का अंजाम बोहोत याद आया
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रिश्तों की फ़िक्र करना छोड़ दो,
जिसे जितना साथ देना हैं वो उतना ही निभाएगा
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ये बात करते करते रात गुज़र जाती थी अपनी,
सुनो कल बात करते हैं बोहोत रात हो गयी
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सुख दुख़ निभाना तो कोई फूलों से सीखे साहब,
बारात हो या जनाजा साथ ज़रूर देते हैं
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मैं तो वैसा ही हु जैसा पहले था,
तुमसे पहले भी तुम्हारे बाद भी
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सिर्फ साँसों का नाम ज़िन्दगी नहीं होता,
इसलिए हर सांस लेने वाला जिंदा नहीं होता
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बिछड़ के तुमसे अगर किसी रोज़ अगर मिलूँगा,
सायद साँसे थम जाएँगी मेरी
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ये दुनिया प्यार की सिर्फ बातें करती हैं जनाब,
चलती तो सिर्फ अपने मतलब से हैं
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न जाने अब किसकी जरुरत हो,
सुनो तुम बोहोत खूबसूरत हो
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अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिन्दगी का,
सुकून ढ़ूढने चले थे, नींद ही गंवा बैठे
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न करो इतनी मोहब्बत किसी से,
वरना वो बेवफा हो जायेगा
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जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िन्दगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं
---
तुम बेशक भुला चुके होंगे वो कस्मे वो वादे,
मगर मैं आखिरी सांस तक तुम्हे याद रखूँगा
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ज़िन्दगी में कभी किसी पर मत भरोसा करो,
चलना है तो बस अपने पैरों पर चला करो
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कुछ इस तरह से उदास मेरा मन रहता है,
किसी खण्डर में जिस तरह सुनापन रहता है
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वक्त कुछ इस तरह हाथों से फिसल गया,
जिसके लिए खुद को बदला वो ही बदल गया
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मैं जिस शहर से तुम्हारी यादें लेकर आया था,
वो शहर मुझे आज भी याद आता है
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जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरों पर,
जब चलना है अपने ही पैरों पर
कभी कभी लौट कर आना बोहोत मुश्किल होता है
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जब इंशान अंदर से टूट हटा है तो ,
अक्सर बाहर से ख़ामोश नज़र आता हैं
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बोहोत बेगाना कर दिया है तेरी याद ने मुझे,
कहीं ऐसा न कि मैं पागल हो जाऊ
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मैं मतलबी नहीं जो साथ रहने वालों को धोका देदूँ ,
बस मुझे समझना हर किसी के बस की बात नहीं हैं
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अब मेरे आँगन में फूल नहीं खिलते,
तेरे जाने के बाद पौधों का ख्याल कौन रखता
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देख कर भी अनदेखा कर गए
वो मेरी मोहब्बत को
सरे आम रुसवा कर गए
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ज़िन्दगी बस इतना सा वादा कर मुझसे,
उसके बाद तुझे मेरा साथ देना होगा
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दिल भी परेशान रहता है उनके लिए
हम कुछ भी नहीं है जिनके लिए
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अक्सर मै अकेला सोचता रहता हूँ,
तुम किस हाल में होंगे
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इश्क चाहे हजार कर लो तुम, पर
बद्दुआ पहली मोहब्बत से ही मिलेगी
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चली जाती है हवा मेरी बस्ती से चुप चाप,
उसे मालूम है चिराग जलने वाले नहीं रहे
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हुनर मोहब्बत का हर किसी को कहां आता है
लोग हुस्न पर फिदा होकर उसे इश्क कह देते हैं
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धीरे धीरे ही सही हम जानेमन मर तो रहे हैं,
तुम्हारी याद के सहारे दिन गुज़र तो रहे हैं
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टुकड़ों की तरह बिखरे थे किसी अपने की प्यार में
साथ कब का छूट चुका हैं हम दोनो का मगर
आज भी लोग उसका नाम लेकर बदनाम करते है भरे बाजार में
---
तुझे तकलीफ अगर है मेरी सूरत से जाना,
ये शहर छोड़ देता हु तेरी ख़ुशी के किये
---
हम दर्द भुलाकर बैठे, मोहब्ब्त के टूटने के बाद से
प्यार कहती है जिसे दुनिया, वो तो हैं सिर्फ हसीन हादसे
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मेरा होना तो उसके वास्ते फ़साना है,
हमारा इश्क़ किसी और का दीवाना है
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प्यार का मौका सब को मिलता है
एक और सच यह भी है कि
प्यार मे धोका भी सब को मिलता है
---
तुम अमीर हो, तुम क्या जानो,
गरीबी मुस्कान छीन लेती है चेहरे की
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दर्द होता हैं जब उसका चेहरा सामने आता हैं
किसी गैर का होकर पूछती हैं ठीक तो हो
ये प्यार भी कैसा कैसा वक्त दिखाता हैं
---
मेरे दुःख का अंदाज़ा बस इसी से लगा लो,
मेरे सामने गम का एक सागर है दोस्त
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यादें ही तो मिली हैं रांझे के हीर से बिछड़ने के बाद
कुछ नही रखा ऐ दोस्त इनके चक्कर में ये कर देती हैं बर्बाद
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अपनी बातों को मनवाने के लिए लड़ता हूँ,
मै आज भी छोटा बच्चा हुँ रो पड़ता हूँ
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प्यार कि राह मे हम चले साथ थे
फिर एक मोड़ ऐसा आया
दूर-दूर तक खुद को अकेला पाया
---
काश ये बात तुम्हे भी यद् होती,
तुम मेरे सिवा किसी और के मत हो जाना
---
किसी तीसरे का हुआ मेल और हम छूटते गए
रिश्ते बना लिए उनने गैरो से हमारे रिश्ते तो टूटते गए
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मैं मर भी जाऊ तो कफ़न से आती रहेगी,
उसकी खुशबु मेरे बदन से आती रहेगी
---
मोहब्ब्त में हुए बर्बाद हम पसंद तो हमारी हैं
रातों कि नींद उड़ जाती हैं मन नही लगता
ये मोहब्ब्त भी गज़ब बीमारी हैं
---
भूलकर भी इश्क़ करने की कोसिस न करते,
अगर पता होता मोहब्बत इतना दर्द देती है
---
मोहब्बत मे बर्बादी का मंज़र उनको भी मिला है
जो अपनी मोहब्बत को खुदा मान बैठे थे
---
अब कोई कन्धा नहीं है सर रखने के लिए,
मेरे आँसू मेरे दामन ही गिर जाते हैं
---
हमने वक़्त से बहुत वफ़ा की, लेकिन
वक़्त हमसे बेवफाई कर गया,
नसीब अच्छा नहीं था हमारा, इसीलिए
लोगो का हुमसे जी भर गया
---
कैसे जीतते हम उनसे इश्क़ की बाज़ी ऐ दोस्त,
वो प्यार का खेल खेलने में बोहोत माहिर थे
---
मुझको मेरे अकेलेपन से
अब शिकायत नहीं है
मैं पत्थर हूँ, मुझे
खुद से भी मुहब्बत नहीं है
---
मैं भी दूँगा तेरा साथ ऐ दिल,
तू किसी और का होने की हिम्मत तो कर
---
अकेले रहने का भी
अपना ही सुकून होता है
ना किसी के आने की खुशी
ना किसी के जाने का गम
---
मेरा इश्क़ बस इसलिए नाकाम हो गया,
एक छोटा सा घर था जिसमें मैं रहता था
---
सिर्फ मोहब्बत को ही
बदनाम कर रखा है लोगों ने
वरना धोखे तो सात फेरों के
बाद भी बहुत मिलते हैं
---
सब अच्छा लगता था जबतक वो मेरे साथ था,
बिछड़ गया है तो हर चीज बुरी लगती है
---
अपने किरदार पर
डाल कर पर्दा
हर कोई कह रहा है
जमाना खराब है
---
मत करो मुझसे इतनी मोहब्बत ऐ दोस्त,
बोहोत दर्द देती हैं ये यादें किसी के जाने के बाद
---
चलते रहेंगे काफिले
मेरे बगैर भी यहाँ
एक तारा टूट जाने से
आसमान सुना नहीं होता
---
मैंने खत में लिख दी हैं अपने दिल की बातें,
उसमे ये भी लिखा है इश्क का अंजाम क्या है
---
जी रहे है तेरी शर्तो के मुताबिक़ ए जिंदगी,
दौर आएगा कभी हमारी फरमाइशो का भी
---
मैं चाँद पकड़ने की कोसिस में था,
मुट्ठी खोली तो चंद जुगनू हाथ लगे
---
इंसान की सबसे बड़ी ख़ता यह हैं
की वह भगवान से पहले इंसान के सामने रोता हैं
---
अक्सर इश्क में धोखा खाए लोग,
जल्दी से किसी पर भरोसा नहीं करते
---
ऐ ज़िन्दगी काश तू ही रूठ जाती मुझसे,
ये रूठे हुए मुझसे मनाये नहीं जाते
---
उसे देखा और बस देखते रह गए हम,
फिर पुरानी मोहब्बत का अंजाम बोहोत याद आया
---
रिश्तों की फ़िक्र करना छोड़ दो,
जिसे जितना साथ देना हैं वो उतना ही निभाएगा
---
ये बात करते करते रात गुज़र जाती थी अपनी,
सुनो कल बात करते हैं बोहोत रात हो गयी
---
सुख दुख़ निभाना तो कोई फूलों से सीखे साहब,
बारात हो या जनाजा साथ ज़रूर देते हैं
---
मैं तो वैसा ही हु जैसा पहले था,
तुमसे पहले भी तुम्हारे बाद भी
---
सिर्फ साँसों का नाम ज़िन्दगी नहीं होता,
इसलिए हर सांस लेने वाला जिंदा नहीं होता
---
बिछड़ के तुमसे अगर किसी रोज़ अगर मिलूँगा,
सायद साँसे थम जाएँगी मेरी
---
ये दुनिया प्यार की सिर्फ बातें करती हैं जनाब,
चलती तो सिर्फ अपने मतलब से हैं
---
न जाने अब किसकी जरुरत हो,
सुनो तुम बोहोत खूबसूरत हो
---
अजब मुकाम पे ठहरा हुआ है काफिला जिन्दगी का,
सुकून ढ़ूढने चले थे, नींद ही गंवा बैठे
---
न करो इतनी मोहब्बत किसी से,
वरना वो बेवफा हो जायेगा
---
जुगनुओं की रोशनी से तीरगी हटती नहीं,
आइने की सादगी से झूठ की पटती नहीं,
ज़िन्दगी में गम नहीं फिर इसमें क्या मजा,
सिर्फ खुशियों के सहारे ज़िन्दगी कटती नहीं
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तुम बेशक भुला चुके होंगे वो कस्मे वो वादे,
मगर मैं आखिरी सांस तक तुम्हे याद रखूँगा
---
ज़िन्दगी में कभी किसी पर मत भरोसा करो,
चलना है तो बस अपने पैरों पर चला करो
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कुछ इस तरह से उदास मेरा मन रहता है,
किसी खण्डर में जिस तरह सुनापन रहता है
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वक्त कुछ इस तरह हाथों से फिसल गया,
जिसके लिए खुद को बदला वो ही बदल गया
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मैं जिस शहर से तुम्हारी यादें लेकर आया था,
वो शहर मुझे आज भी याद आता है
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जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरों पर,
जब चलना है अपने ही पैरों पर